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कभी ये तम हम कभी तो छंटेगा श्वान भौंक रहे भौंकने दो पीछे हों हम हों दोस्ती बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना romance न रहना मुश्किल हो दौर काबू है हमने पाया विश्वगुरु फिर बनेगा जग सिरमौर दूज़ी लहर डबल मास्क कभी सोचा न था...

Hindi धीरज तो हम कभी न छोड़ें Poems